Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA





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Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA

समाज में हिंसा का इतिहास सिनेमा के जन्म से बहुत पुराना है लेकिन आधुनिक समाज में सिनेमा में दिखाई जाने वाली हिंसा का महिमा मंडन सीधे सीधे समाज के व्यवहार पर असर डाल रहा है। फिल्मों में दिखाई जाने वाली हिंसा से युवा सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं और अपराध की तरफ मुड़ रहे हैं। तो क्या हमें हिंसक बना रहा है सिनेमा? सिनेमा संवाद में इस बार इसी विषय पर बातचीत। चर्चा में शामिल हैं -जानेमाने फिल्म विश्लेषक प्रोफेसर जवरीमल्ल पारख, फिल्म शिक्षक डॉ नरेंद्र क���शिक, फिल्म लेखक धनंजय कुमार और फिल्म लेखक फरीद खान। चर्चा का संचालन करेंगे वरिष्ठ पत्रकार और फ़िल्म समीक्षक अमिताभ श्रीवास्तव।

Violence has existed in society long before the birth of Cinema but its excess and glorification of it on screen for earning money in modern times has adversely affected the minds of people, specially youth. Is Cinema responsible for increasing violence in the society today? We will be debating this issue on Cinema Samvad this Sunday. The panelists are: Noted film scholar Professor Jawarimal Parakh, Film educator Dr. Narendra Kaushik, Film writer Dhananjay Kumar and Film writer Fareed Khan. The discussion will be moderated by senior journalist Amitaabh Srivastava.

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