Celebrating 75 years of Hindi Cinema of Independent India । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS

Celebrating 75 years of Hindi Cinema of Independent India । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS
Celebrating 75 years of Hindi Cinema of Independent India । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS

Download Movie

साहित्य की तरह सिनेमा भी समाज का आइना होता है । इसलिए आज़ाद भारत के 75 साल के सफ़र को समझने के लिए हिंदी सिनेमा बहुत कारगर ज़रिया है। आजादी के बाद लगभग बीस सालों का दौर हिंदी सिनेमा का भी स्वर्ण युग कहलाता है जिसमें मनोरंजन के साथ साथ क्लासिक सिनेमा भी रचा गया। दिलीप कुमार, राजकपूर और देव आनंद की तिकड़ी ने अपने-अपने लुभावने अंदाज में नये भारत के समाज और सियासत की तस्वीर पेश कीं तो महबूब खान, बिमल रॉय , चेतन आनंद और गुरुदत्त ने लोकप्रिय सिनेमा के ढाँचे में गंभीर कहानियाँ भी कहीं। जैस�� जैसे आजाद भारत में समाज और सियासत में बदलाव आया है, ऋषिकेश मुखर्जी से लेकर सत्यजित राय, श्याम बेनेगल और गोविंद निहलानी के जरिये सिनेमा भी बदला है। हिंदी सिनेमा ने सिर्फ दिल ही नहीं बहलाया, सवाल भी पूछे हैं। नेहरू जिस समय देश दुनिया के हीरो बने हुए थे, उस समय गुरुदत्त और साहिर लुधियानवी ने प्यासा फिल्म में उनकी सामाजिक नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया था – जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं? आज फ़िल्म वाले फिल्मों में भी सरकार की आलोचना से डरते हैं। जिनकी बातों में सरकार की आलोचना का हल्का सा भी पुट होता है, उनकी फिल्मों के बहिष्कार का शोर लगता है। यह भी 75 साल के सफ़र की एक तस्वीर है।सिनेमा संवाद में इस बार बातचीत 75 साल में हिंदी सिनेमा के हाल पर । चर्चा में शामिल हैं जाने माने फिल्म स्कॉलर और लेखक शरद दत्त जिन्होंने संगीतकार अनिल बिस्वास, के एल सहगल और आलम आरा पर शानदार किताबें लिखी हैं ।चर्चा में जुड़े हैं वरिष्ठ फिल्म विंश्लेषक प्रोफ़ेसर जवरीमल पारख जिन्होंने सिनेमा पर कई महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं । मास्को से हमारे साथ जुड़े हैं फिल्मों के गीत संगीत के अध्येता और लेखक इंद्रजीत सिंह और मुंबई से इस बातचीत में शामिल हैं पटकथा लेखक और गीतकार नीरेन भट्ट। संचालन कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव ।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर पर –

Support True Journalism
Join our Membership Scheme:

स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए। ‘सत्य हिंदी सदस्यता योजना’ में शामिल हों:

इस कार्यक्रम पर अपनी राय [email protected] पर भेजें।

#hindicinema #bollywood #cinemasamwaad

Download Movie Celebrating 75 years of Hindi Cinema of Independent India । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS

Why is Classic cinema fading away? । BOLLYWOOD MOVIES । INDIAN CINEMA

Why is Classic cinema fading away? । BOLLYWOOD MOVIES । INDIAN CINEMA
Why is Classic cinema fading away? । BOLLYWOOD MOVIES । INDIAN CINEMA

Download Movie

हमारा सौ साल से भी ज्यादा पुराना सिनेमा आज़ादी के पचहत्तर साल के सफ़र में मौजूदा दौर में तकनीकी तौर पर पहले से कहीं ज्यादा आकर्षक, भव्य और विराट हो गया है लेकिन दर्शकों का दिल छू लेने वाली जो बात पचास-साठ साल पहले बनी फिल्मों में होती थी, वह अब दुर्लभ हो गई है। हिंदी सिनेमा के इतिहास में तमाम ऐसी पुरानी फिल्में हैं जो कालजयी कहलाती हैं , जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं, बार बार देखना चाहते हैं। दूसरे शब्दों में इन्हें क्लासिक सिनेमा का दर्जा हासिल है। आज सिनेमाहॉल से निकलने के बाद फिल्मों क�� वैसा असर नहीं रहता। हम आज सारी सहूलियतों के बावजूद क्लासिक फिल्में क्यों नहीं बना पा रहे हैं? कहां गया क्लासिक सिनेमा? सिनेम�� संवाद इस बार इसी मुद्दे पर । बातचीत में शामिल हैं हिंदी फिल्मों के बहुत जानेमाने और बहुत अनुभवी पटकथा लेखक कमलेश पांडे, सिनेमा स्कॉलर , लेखक और टिप्पणीकार प्रोफ़ेसर जवरीमल पारख, फिल्म लेखक नीरेन भट्ट और फिल्म लेखक धनंजय कुमार। चर्चा का संचालन कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक अमिताभ श्रीवास्तव

More than hundred years old Hindi Cinema has acquired a top class technical finesse and grandeur but the soulful storytelling of the old classics made 60-70 years back is missing. Classic Cinema like classic literature is timeless, eternal. People still yearn for the Old films made during the Golden era. Today we rarely recall a movie after few days of watching it. Where has the classic cinema gone? Is the era of classic cinema over now?

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर पर –

Support True Journalism
Join our Membership Scheme:

स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए। ‘सत्य हिंदी सदस्यता योजना’ में शामिल हों:

इस कार्यक्रम पर अपनी राय [email protected] पर भेजें।

#hindimovies #bollywood #cinemasamwaad

Download Movie Why is Classic cinema fading away? । BOLLYWOOD MOVIES । INDIAN CINEMA

Why is Hindi Cinema failing against South Indian movies? I SAMRAT PRITHVIRAJ I KGF 2 I RRR MOVIE

Why is Hindi Cinema failing against South Indian movies? I SAMRAT PRITHVIRAJ I KGF 2 I RRR MOVIE
Why is Hindi Cinema failing against South Indian movies? I SAMRAT PRITHVIRAJ I KGF 2 I RRR MOVIE

Download Movie

Why is Hindi Cinema failing against South Indian movies? I SAMRAT PRITHVIRAJ I KGF 2 I RRR MOVIE

बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ, साल की पहली छमाही में बॉलीवुड से कई फ्लॉप फिल्में देखी गई हैं। इसकी तुलना में साउथ की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता अर्जित की है। केजीएफ 2 और आरआरआर जैसी फिल्मों ने कुल कमाई में रिकॉर्ड बनाया है। दक्षिण की फिल्में जय भीम, कर्णन, असुरन, जोजी, द ग्रेट इंडियन किचन, जन गण मन और आरआरआर और केजीएफ 2 जैसी बॉक्स ऑफिस सफलताओं जैसे अच्छे सिनेमा बनाने में अभूतपूर���व रही हैं।साउथ के मुकाबले बॉलीवुड क्यों फेल हो रहा है? इस सप्ताह सिनेमा संवाद इस घटना पर चर्चा करता है। पैनलिस्टों में प्रसिद्ध फिल्म विद्वान प्रोफेसर जवारीमल पारख, वरिष्ठ फिल्म विश्लेषक मैथिली राव, वरिष्ठ फिल्म समीक्षक हरीश नांबियार और फिल्म लेखक धनंजय कुमार शामिल हैं। चर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव करेंगे।

With the dismal performance of Akshay Kumar’s Samrat Prithviraj at box office, first half of the year has seen many flops from Bollywood. In comparison, films from South have earned huge success at the box office. Films like KGF 2 and RRR have created records in overall earning. Movies from south have been phenomenal in creating good cinema like Jai Bheem, Karnan, Asuran, Joji, The Great Indian Kitchen, Jana Gana Mana and also box office successes like RRR and KGF2. Why is Bollywood failing in comparison to South. This week Cinema Samvad discusses this phenomenon. The panelists are noted film scholar Professor Jawarimal Parakh, Senior film analyst Maithili Rao, Senior Film critic Harish Nambiar and Film writer Dhananjay Kumar. The discussion will be moderated by senior journalist Amitaabh Srivastava.

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर पर –

Support True Journalism
Join our Membership Scheme:

स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए। ‘सत्य हिंदी सदस्यता योजना’ में शामिल हों:

इस कार्यक्रम पर अपनी राय [email protected] पर भेजें।

#HindiMovies #bollywood #cinemasamwaad

Download Movie Why is Hindi Cinema failing against South Indian movies? I SAMRAT PRITHVIRAJ I KGF 2 I RRR MOVIE

Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA

Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA
Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA

Download Movie

Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA

समाज में हिंसा का इतिहास सिनेमा के जन्म से बहुत पुराना है लेकिन आधुनिक समाज में सिनेमा में दिखाई जाने वाली हिंसा का महिमा मंडन सीधे सीधे समाज के व्यवहार पर असर डाल रहा है। फिल्मों में दिखाई जाने वाली हिंसा से युवा सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं और अपराध की तरफ मुड़ रहे हैं। तो क्या हमें हिंसक बना रहा है सिनेमा? सिनेमा संवाद में इस बार इसी विषय पर बातचीत। चर्चा में शामिल हैं -जानेमाने फिल्म विश्लेषक प्रोफेसर जवरीमल्ल पारख, फिल्म शिक्षक डॉ नरेंद्र क���शिक, फिल्म लेखक धनंजय कुमार और फिल्म लेखक फरीद खान। चर्चा का संचालन करेंगे वरिष्ठ पत्रकार और फ़िल्म समीक्षक अमिताभ श्रीवास्तव।

Violence has existed in society long before the birth of Cinema but its excess and glorification of it on screen for earning money in modern times has adversely affected the minds of people, specially youth. Is Cinema responsible for increasing violence in the society today? We will be debating this issue on Cinema Samvad this Sunday. The panelists are: Noted film scholar Professor Jawarimal Parakh, Film educator Dr. Narendra Kaushik, Film writer Dhananjay Kumar and Film writer Fareed Khan. The discussion will be moderated by senior journalist Amitaabh Srivastava.

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर पर –

Support True Journalism
Join our Membership Scheme:

स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए। ‘सत्य हिंदी सदस्यता योजना’ में शामिल हों:

इस कार्यक्रम पर अपनी राय [email protected] पर भेजें।

#ViolenceinBollywood #HindiCinema #CinemaSamwaad

Download Movie Is Cinema making us violent? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI CINEMA

Is Bollywood now a mere propaganda tool? I HINDI CINEMA I KASHMIR FILES

Is Bollywood now a mere propaganda tool? I HINDI CINEMA I KASHMIR FILES
Is Bollywood now a mere propaganda tool? I HINDI CINEMA I KASHMIR FILES

Download Movie

Is Bollywood now a mere propaganda tool? I HINDI CINEMA I KASHMIR FILES

पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक को बढ़ावा देने के लिए मनोरंजन के नाम पर प्रचार उपकरण के रूप में कार्यरत हिंदी फिल्मों की बाढ़ आ गई है। लोगों की राय का ध्रुवीकरण करने के लिए दिन की सरकार का सांस्कृतिक एजेंडा। हाल ही में जारी कश्मीर फाइल्स ऐसा ही एक ज्वलंत उदाहरण है। उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी फिल्मों ने वास्तव में चुनावों में वोट हथियाने में मदद की है। सिनेमा के शुरुआती दिनों से ही दुनिया भर की सरकारों द्वारा फिल्मों को प्रचार के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। क्या यह सिनेमा के लिए अच्छा है? क्या यह सिनेमा को कहानी कहने के माध्यम और एक कला के रूप में दर्शाता है? हम इन बिंदुओं पर विशेषज्ञों के एक बहुत ही प्रतिष्ठित पैनल के साथ चर्चा करेंगे जिसमें प्रसिद्ध फिल्म विद्वान प्रोफेसर जवारीमल पारख, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता लेखक-निर्देशक विनय शुक्ला, फिल्म लेखक धनंजय कुमार और फिल्म लेखक फरीद खान शामिल हैं। चर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक अमिताभ श्रीवास्तव करेंगे।

For the past few years there has been a sort of deluge of hindi films serving as propaganda tool in the name of entertainment to promote various socio-political- cultural agenda of the government of the day to polarise opinions of people. Recently released Kashmir Files happened to be one such glaring example. Films like Uri: The Surgical strike have in fact helped to grab votes in elections. Movies have been used as a tool of Propaganda by governments world over since very early days of Cinema. Is it good for cinema? does it reflect on Cinema as a medium of storytelling and as an art? We will be discussing these points with a very distinguished panel of experts which includes noted film scholar Professor Jawarimal Parakh, National award winning Writer -Director Vinay Shukla, Film writer Dhananjay Kumar and Film writer Farid Khan. The discussion will be moderated by senior journalist and film critic Amitaabh Srivastava.

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर पर –

Support True Journalism
Join our Membership Scheme:

स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए। ‘सत्य हिंदी सदस्यता योजना’ में शामिल हों:

इस कार्यक्रम पर अपनी राय [email protected] पर भेजें।

#Bollywood #HindiCinema #CinemaSamwaad

Download Movie Is Bollywood now a mere propaganda tool? I HINDI CINEMA I KASHMIR FILES

Why Hindi cinema is in disarray? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS । KGF 2

Why Hindi cinema is in disarray? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS । KGF 2
Why Hindi cinema is in disarray? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS । KGF 2

Download Movie

Why Hindi cinema is in disarray? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS । KGF 2

हिंदी सिनेमा बेहाल है। क्षेत्रीय फिल्मों ने कमाई और कलात्मकता दोनों ही मोर्चों पर हिंदी फिल्मों को फिसड्डी साबित कर दिया है। एक तरफ पुष्पा, आरआरआर और केजीएफ जैसी फिल्में हैं जो हिंदी में डब होकर सैकड़ों करोड़ की कमाई कर रही हैं, दूसरी तरफ बच्चन पांडे जैसी हमारी हिंदी फिल्में हैं जो घिसेपिटे फार्मूले से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इसकी क्या वजह है, इसी पर हम बात करेंगे अपनी खास पेशकश टॉक सिनेमा में रविवार 1 मई, सुबह 11बजे, सत्य हिंदी पर।

Hindi cinema is in disarray. Regional films have proved a laggard to Hindi films both in terms of earnings and artistry. On one hand there are movies like Pushpa, RRR and KGF which are earning hundreds of crores by getting dubbed in Hindi, on the other hand we have Hindi movies like Bachchan Pandey which are not able to move beyond the clichéd formula. What is the reason for this, on this we will talk about our special offer in Talk Cinema.

सत्य ह���ंदी ऐप डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर पर –

Support True Journalism
Join our Membership Scheme:

स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए। ‘सत्य हिंदी सदस्यता योजना’ में शामिल हों:

इस कार्यक्रम पर अपनी राय [email protected] पर भेजें।

#Bollywood #RegionalCinema #TalkCinema

Download Movie Why Hindi cinema is in disarray? । BOLLYWOOD MOVIES । HINDI FILMS । KGF 2