Original poetry written by kafkaesque
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ज़माने के साथ लोग बदल जाते हैं ,
मौके और मौसम का फर्क भूल जाते हैं,
वक़्त कब किसका हुआ वो बीत ही जाता है,
किसी के लिए अच्छा किसीके लिए बुरा बन जाता है,
कौन कहता है लम्हे खत्म होते हैं ,
बन के याद वो दिल में बसे होते हैं ,
तल्खियों से रिश्ता तुम्हारा है,
हम तो बस मिठास बाटें जाते हैं
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? Song: ‘Scott Buckley – Undertow’ is under a creative commons license.
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